प्रदेश के समस्त शासकीय स्वशासी मेडिकल कॉलेजो में कार्यरत लेब अटेंडेंट सह चिकित्स्कीय पद है जिसकी शैक्षणिक योग्यता हायर सेकण्डरी जीव-विज्ञान विषय समूह से होना अनिवार्य है लैब अटेंडेंट मेडिकल लेबोरेटरी में लेब टेक्नीशियन के सहायक के रूप में पूर्व से ही कार्यरथ एवं टेस्ट की तैयारी से लेकर मेडिकल टेस्टिंग में सहयोगी के रूप में कार्य करते है तथा मेडिकल टेस्टिंग मशीन व् अन्य उपकरणों के रखरखाव में अहम् भूमिका निभाते है|पूर्व मे सभी लेब अटेन्डेन्ट को 1900 का ग्रेड पे दिया जाता था लेकिन किसी विसंगति के कारण ग्रेड पे में वृद्धि की जगह कमी कर दी गई। जबकि समान योग्यता के पद लैब असिस्टेट को 1900 से बढ़ाकर 2800 कर दिया गया।
जो कि शासन स्तरपर ग्रेड पे मे कमी कर देना यह पहला मामला प्रतीत होता है
मध्यप्रदेश असाधारण राजपत्र 2015 के अनुसार लेब अटेंडेंट सह- चिकित्स्कीय ग्रुप-5 की तृतीय श्रेणी में रखा गया है वर्तमान में इसे विसंगति वस् चतुर्थ श्रेणी का न्यूनतम वेतनमान ग्रेड पे 1300 दिया जा रहा है जो की आठवीं पास कर्मचारी को दिया जाता है
ग्वालियर मेडिकल कॉलेज तो अपने अधीनस्थ लेब अटेंडेंट को पूर्व से 1900 ग्रेड पे दे रहा है। विगत कई वर्षों में लेब अटेंडेंट द्वारा इस विसंगति को दूर करने के लिए कई बार आवाज़ उठाई गई है जिसके अंतर्गत विधानसभा प्रश्न काल में इस विसंगति के लिए प्रश्न को लगाया गया था साथ ही चिकित्सा शिक्षा विभाग के माननीय मंत्री महोदय श्री विश्वास सारंग जी ने इस
विसंगति को संज्ञान में लेते हुए आयुक्त महोदय को आदेशित किया गया जिसके उपरांत आयुक्त महोदय ने प्रदेश के समस्त मेडिकल कॉलेजो के प्रमुख
अधिष्ठाताओ को पत्र माध्यम से परिक्षण करके लेब अटेंडेंट की शैक्षणिक योग्यता के अनुसार न्यूनतम वेतनमान पैड पे 1900 तृतीय श्रेणी किये जाने का अभिमत मांगा गया था जिसके उपरांत सभी कॉलेजों के अधिष्ठाता द्वारा न्यूनतम वेतनमान ग्रेड पे 1900 तृतीय श्रेणी किये जाने का अनुशंसा सहित अभिमत दिए गए जिसमे बताया गया की शैक्षणिक योग्यता एवं सह चिकित्सकीय पद होने एवं लेब के तकनीकी कार्यों को देखते हुए न्यूनतम वेतनमान ग्रेड पे 1900 तृतीय श्रेणी किया जाना उचित प्रतीत होता है इसके उपरांत भी लेब अटेंडेंटो के वेतन विसंगति का मामला शासन स्तर पर लंबित है |
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