पहला मामला दीवान आवासीय वित्त निगमलिमिटेड के प्रमोटर कपिल वधावन और उनके भाई धीरज वधावन पर 34 हजार 615 करोड रूपये की ऋण धोखाखड़ी के आरोपो से संबंधित है। प्रवर्तन निदशालय ने यह मामला केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो की एफ.आई.आर. पर दर्ज किया था और छानबीन के दौरान दस्तावेजों की जांच में संजय राउत से संबंधित संदिग्ध प्रविष्टियां पाई थीं।
दूसरा मामला एक हजार दो सौ करोड रुपये के चॉल पुनर्विकास धोखाखड़ी से जुड़ा है। इस मामले में आवास-विकास और अवसंरचना लिमिटेड समूह, इसके प्रमोटर राकेश वधावन तथा पुत्र सारंग और संजय राउत के सहयोगी प्रवीण राउत शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने प्रवीण राउत को गिरफ्तार किया है और वर्ष 2008 से 2020 के बीच कईं किश्तों में 112 करोड रुपये लेने का आरोप लगाते हुए आरोप पत्र दर्ज किया है।
प्रवर्तन निदेशालय को संदेह है कि प्रवीण राउत, संजय राउत सहित कई प्रभावशाली व्यक्तियों के लिए काम करता रहा है। अप्रैल महीने में प्रवर्तन निदेशालय ने मुम्बई में संजय राउत की पत्नी वर्षा का एक फ्लैट तथा उनकी और एक अन्य व्यवसायी की पत्नी की आठ अन्य परिसंपत्तियां जब्त की थी। प्रवर्तन निदेशालनय ने आरोप लगाया है कि ये परिसम्पत्तियां प्रवीण राउत द्वारा स्थानांतरित राशि से खरीदी गई थीं
प्रवर्तन निदेशालय को संदेह है कि प्रवीण राउत, संजय राउत सहित कई प्रभावशाली व्यक्तियों के लिए काम करता रहा है। अप्रैल महीने में प्रवर्तन निदेशालय ने मुम्बई में संजय राउत की पत्नी वर्षा का एक फ्लैट तथा उनकी और एक अन्य व्यवसायी की पत्नी की आठ अन्य परिसंपत्तियां जब्त की थी। प्रवर्तन निदेशालनय ने आरोप लगाया है कि ये परिसम्पत्तियां प्रवीण राउत द्वारा स्थानांतरित राशि से खरीदी गई थीं
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