बीस वर्षों के सैन्य अभियानों के बाद अमरीकी और विदेशी सेनाओं के हट जाने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पिछले एक महीने करीब एक हजार से ज्यादा नागरिक मारे जा चुके हैं।
तालिबान के बढ़ते हमलों के कारण जान बचाकर भागने वालों की संख्या बढ रही है। विश्व खाद्य संगठन ने मानवीय तबाही की चेतावनी देते हुए कहा है कि देश के हज़ारों विस्थापित काबुल पहुंच रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि राजधानी ही उनके लिए अंतिम सुरक्षित जगह हो सकती है। सेव द चिल्ड्रन संस्था के अनुसार, हाल के दिनों में काबुल पहुंचने वालों में लगभग 72 हजार बच्चे शामिल हैं। काबुल में ज्यादातर शरणार्थी सड़कों पर रात बिता रहे हैं।
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