16 एवं 17 अगस्त को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राज्य शासन और स्थानीय प्रशासन ने मुस्तैदी से कार्य किया है। विभिन्न नागरिकों से चर्चा में भी यह बात सामने आई। केंद्रीय दल ने बताया कि दो समूह में दल के सदस्यों ने तीन-तीन जिलों में भ्रमण कर स्थितियों का जायजा लिया। प्रथम दल के तीन सदस्य ग्वालियर, दतिया और शिवपुरी और द्वितीय दल के तीन सदस्य श्योपुर और मुरैना क्षेत्र के भ्रमण के बाद क्षति का अवलोकन कर चुके हैं। दल ने बताया कि इन क्षेत्रों में काफी क्षति हुई है। इस संबंध में शीघ्र ही वास्तविक क्षति का प्रतिवेदन तैयार कर लिया जाएगा। श्योपुर सबसे अधिक प्रभावित रहा, लेकिन यह सुखद तथ्य है कि यहां कोई ऐसा रोग देखने को नहीं मिला है जो ज्यादा बाढ़ की स्थिति के पश्चात देखने को मिलता है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश के बाढ़ से प्रभावित हुए जिलों में प्रभावित हुई अधोसंरचना को फिर से जैसे का तैसा बल्कि उससे बेहतर बनाने का प्रयास है। श्योपुर जो एक तिहाई क्षेत्र में प्रभावित हुआ, वहां विशेष फोकस कर कार्यों को पूरा किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावितों को ज्यादा से ज्यादा मदद मिले इसके लिए विभिन्न योजनाओं के प्रावधानों में राहतकारी संशोधनों के प्रयास भी किए गए हैं। आवास योजनाओं में मध्यप्रदेश के कोटे के आवास गृह की संख्या बढ़ाने का भी प्रयास है। इसके लिए शीघ्र ही केन्द्रीय मंत्रियों से आग्रह कर यह कार्य सुनिश्चित किया जाएगा।
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