मध्य प्रदेश पुलिस का वाहन चेकिंग अभियान फिलहाल रुक गया है जिसमें पुलिस और ट्रैफिक के लोग मुँह पर मास्क वाहनों के सीट बेल्ट,, हेलमेट, तथा गाड़ी का रजिस्ट्रेशन तथा बीमा चेक किया करते थे
और मुझे इस बात को स्वीकारने में जरा भी हिचकिचाहट नहीं है प्लीज चेकिंग के दौरान कई लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ना होती होगी और जैसा कि पुलिस का रवैया होता है थोड़ा सख्ती भी बरतते थे थोड़ा नरमी बरतते थे समझाइश के आधार पर भी छोड़ते थे महिलाओं और पुरुषों के साथ बैठी हुई महिलाओं तथा बच्चों को वैसे भी परेशान नहीं करते थे किंतु लोगों में इतना सब होने के बाद भी जागरूकता का अभाव महसूस किया गया
लगभग 3 से 5 महीने तक लगातार चेकिंग चली उसके बावजूद भी लोगों ने ना हेलमेट लगाना शुरू किया नाही मास्क लगाना शुरू किया ना ही कागज साथ में रखना शुरू किया और ना ही चार पहिया वाहन चालकों ने सीट बेल्ट बांधना शुरू किया
किंतु पुलिस चेकिंग से वह लोग परेशान हो गए जो लोग वास्तव में सत्य थे और जिनके चेहरे पर मास्क लगा था और उनके पास वाहन से संबंधित सभी कागज चालान स्थल पर मौजूद थे इसके बावजूद किसी ना किसी कारण से किसी पुलिस वाले ने उन्हें रोका होगा परेशान किया होगा तब इस प्रकार के लोगों ने वरिष्ठ अधिकारियो से संपर्क कर विरोध किया और अंततः इस चेकिंग पर रोक लगा दी गई और सुनने यह आया की संदेह के आधार पर किसी वाहन को रोककर संभवतः किसी मशीन से उसके रजिस्ट्रेशन की सत्यता की जाँच होंगी और गलत पाए जाने पर उनपर कानूनी कारवाही होंगी
पर चेकिंग के रोके जाने का दुष्परिणाम यह हुआ की वाहन चोर औरअन्य आदतन अपराधी भी प्रदेश मे खुले आम घूम रहे है क्योंकि उनको पता है की अब हमें पुरे मध्यप्रदेश मे कोई रोकने वाला कोई नहीं है
मनोज शर्मा कौशल
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