तीर्थस्थल पुनरुद्धार और आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान के तहत किया गया है। पर्यटन सुविधा केन्द्र परिसर में निर्मित सोमनाथ प्रदर्शनी केन्द्र में प्राचीन मंदिर के भाग प्रदर्शित किये गए हैं। प्राचीन मंदिर की नागर शैली स्थापत्य कला की प्रस्तर प्रतिमाएं भी प्रदर्शित हैं।(सोमनाथ मार्ग का विकास 47 करोड़ रुपये की लागत)
प्राचीन सोमनाथ मंदिर को अहिल्याबाई मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। प्राचीन मंदिर की जर्जर अवस्था देखकर इसका निर्माण इंदौर की महारानी अहिल्याबाई ने करवाया था। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए पूरे मंदिर परिसर को पुनर्विकसित किया गया है।
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