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Saturday, April 11, 2020

मध्यप्रदेश: मुख्यमंत्री चौहान ने आईफा को बताया तमाशा, कहा- इसका कोई औचित्य नहीं है..


मध्यप्रदेश में आईफा अवार्ड समारोह को लेकर एक बार फिर बयानबाजी तेज होने लगी है। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे तमाशा बताते हुए औचित्यहीन करार दिया है। बता दें कि इससे पहले प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को फैसला लेते हुए इस आयोजन के लिए जुटाई गई राशि को कोरोना के खिलाफ जंग के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में डाल दिया है। 

 

 मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने निर्देश दिए कि जिनमें भी #COVID19 के लक्षण दिखें, वे तुरंत टेस्ट करवाएँ। संक्रमित जिलों में चिन्हित किए गए हॉटस्पॉट्स को पूरी तरह सील करें और वहां आवश्यक वस्तुएं, दूध, दवाईयां आदि की सप्लाई जिला प्रशासन के माध्यम से की जाए।

दरअसल, आईफा समारोह के लिए इकट्ठा हुई राशि को मुख्यमंत्री राहत कोष में डाले जाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से प्रतिक्रिया आई थी। इसमें उन्होंने कहा था कि आईफा तो पहले ही तमाशा था, इसकी जरूरत क्या थी। पहले समाचार आया कि 40 करोड़ लगेंगे। आईफा के लिए कुछ लोग पैसा दे रहे थे, मेरा साफ कहना है कि वे कोरोना के संकट से निपटने के लिए पैसा दें। वो जो पैसा देंगे, उसे हम कोरोना की जंग से लड़ने में खर्च करेंगे।

शुक्रवार को भोपाल में जब एक तरफ मुख्यमंत्रत्री शिवराज ने यह बात कही तो वहीं दूसरी भाजपा के सभी विधायकों ने तया किया कि वह एक वर्ष तक तीस फीसदी कम वेतन लेंगे। उन्होंने अपील की कि अन्य दलों के विधायकों भी इसी तरह कम सैलरी लेने का निर्णय करें। 

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हम विधायक निधि में भी संशोधन कर रहे हैं अब जो भी विधायक चाहेगा वह विधायक निधि का उपयोग कोरोना संकट से लड़ने में कर सकेंगे। कलेक्टर को बताकर विधायक जो काम कोरोना संकट से निपटने में अपेक्षित समझेंगे, उसमें विधायक निधि का पैसा उपयोग में ला सकेंगे। 

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए मैंने पूर्व सीएम उमा भारती, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह से चर्चा की है और उनके सुझाव मांगे हैं। सभी ने अपने सुझाव दिए हैं। 


इंदौर को मिली थोड़ी राहत, 12 लोग हुए ठीक



कोरोना के बढ़ते मरीजों और गहराते संकट के बीच इंदौर शहर के लिए शुक्रवार को एक राहत भरी खबर भी आई। शाम के वक्त मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक ट्वीट कर जानकारी दी कि शहर में करीब 12 लोग ठीक होकर अपने घरों को गए हैं। उन्होंने इसके लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशासनिक अधिकारियों को बधाई भी दी।


इंदौर को बचाने के लिए ‘स्पेशल-13’ तैनात



इससे पहले इंदौर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने यहां स्पेशल-13 की तैनाती की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि स्पेशल-13 टीम में 2 आईएएस अधिकारी हैं और 9 राज्य प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। सभी अधिकारी शनिवार से इंदौर में पहले से काम कर रहे अधिकारियों की मदद करेंगे। बता दें कि इंदौर में अब तक 27 लोगों की मौत हुई है। साथ ही 2 डॉक्टरों की मौत भी हुई है। ऐसे में शासन की निगाहें इंदौर पर ही हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान हर दिन अधिकारियों से इंदौर की जानकारी लेते हैं।  

 

                  स्पेशल-13 में कौन-कौन हैं ?
सरकार ने 13 अधिकारियों की टीम बनाई है। इन सभी ने कभी न कभी इंदौर में काम किया है। इनमें आईएएस अधिकारी चंद्रमौली शुक्ला, उद्योग विभाग में उपसचिव, आईएएस अरविंद शुक्ला, सीएस कार्यालय में उपसचिव हैं। अपर कलेक्टर केदार सिंह, अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर, अपर कलेक्टर डीके नागेंद्र, अपर कलेक्टर सुजान रावल, अपर कलेक्टर विशाल चौहान, अपर कलेक्टर अनूकुल जैन, संयुक्त कलेक्टर शाश्वत मीणा, संयुक्त कलेक्टर राजेंद्र सिंह, डिप्टी कलेक्टर बिहारी सिंह, डिप्टी क्लेक्टर अजीत श्रीवास्तव और डिप्टी कलेक्टर जमील खान शामिल हैं।

 





 

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