महाराष्ट्र में सोमवार को दिनभर चली सियासी उठापटक के बावजूद सरकार गठन बनती नहीं दिख रही है। आज मंगलवार को यह फैसला हो सकता है कि राज्य में किसी की सरकार बनेगी या राष्ट्रपति शासन लागू होगा। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी है। न्यूज एजेंसी पीटीआइ ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि केंद्रीय कैबिनेट ने भी राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की है। वहीं शिवसेना ने राष्ट्रपति शासन की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति शासन की स्थिति में मामले को चुनौती देने के मसले पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल से बात की है।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के टि्वटर हैंडलर पर राष्ट्रपति को सौंपी गई उस रिपोर्ट का एक हिस्सा शेयर किया है जिसमें उन्होंने संविधान के अनुरूप राज्य में किसी भी पार्टी की सरकार नहीं बनने का हवाला देते हुए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की है।
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी इस बात से मुतमइन हैं कि महाराष्ट्र में संविधान के अनुरूप सरकार नहीं बन सकती है। इसे देखते हुए उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) के प्रावधानों के अनुसार रिपोर्ट भेजी है।
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि राकांपा की बैठक हुई है जिसमें सभी 54 विधायक मौजूद थे। बैठक में फैसला लिया गया है कि राज्य में अनिश्चितता को देखते हुए शरद पवार जी ही वैकल्पिक सरकार पर निर्णय देंगे। शरद पवार के नेतृत्व में एक समिति गठित होगी।
- मलिक ने यह भी बताया कि राज्यपाल ने उन्हें आज साढ़े आठ
बजे तक का समय दिया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल की पवार साहब के साथ शाम पांच बजे बैठक होगी। इसमें आपसी बातचीत के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। मलिक Nawab Malik ने यह भी कहा कि पार्टी का मानना है कि बिना तीन दलों कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के मिले कोई वैकल्पिक सरकार नहीं बन पाएगी। यदि तीनों पार्टियां साथ आती है तो एक स्थाई सरकार बनाई जा सकती है।
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