भोपाल. आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की टीम ने शुक्रवार को स्मार्ट सिटी के दफ्तर पर छापा मारा। छापे की ये कार्रवाई कुछ दस्तावेज़ जब्त करने के लिए की गयी। ये कार्रवाई एकीकृत नियंत्रण और कमान केंद्र (आईसीसीसी) के टेंडर में हुए घोटालेकी जांच को लेकर छापा मारा है।असल में, स्मार्ट सिटी के इस घोटाले को लेकर सीनियर आईएएस विवेक अग्रवाल से पूछताछ के लिए बार-बार बुलाए जाने के बावजूद उपस्थित नहीं हुए तो ईओडब्ल्यू ने सुबह स्मार्ट सिटी दफ्तर में छापा मारा और जरूरी कागजात जब्त किए। शुक्रवार को सुबह ईओडब्ल्यू की टीम ने कार्रवाई करते हुए स्मार्ट सिटी के दफ्तर पर छापा मारा। ईओडब्ल्यू की दो सदस्यीय टीम यहां पहुंचीं। ईओडब्ल्यू द्वारा जांच के दौरान दस्तावेज और डेटा मांगने के बाद भी स्मार्ट सिटी दफ्तर उपलब्ध नहीं करा रहा था। ईओडब्ल्यू की टीम आई और डेटा लेकर चली गई।
ये है मामला
बताया जा रहा है स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में एकीकृत नियंत्रण और कमान केंद्र (आईसीसीसी) के टेंडर की जांच के सिलसिले में छापा मारा है। आईसीसीसी का टेंडर 299 करोड़ में दूसरी कंपनी को दे दिया गया, जबकि बीएसएनएल ने 250 करोड़ का टेंडर डाला था। टेंडर की कार्रवाई नगरीय प्रशासन आयुक्त विवेक अग्रवाल के कार्यकाल में 2017 में हुई थी। बताया जा रहा है कि जिस कंपनी को टेंडर दिया गया, उसमें आईएएस विवेक अग्रवाल के बेटे वैभव अग्रवाल सीनियर पोस्ट पर पदस्थ थे। इसलिए उन पर आरोप लगे हैं।
जांच में आईएएस और उनके बेटे पर आरोप
ईओडब्ल्यू ने स्मार्ट सिटी में हुए घोटाले की शिकायत रजिस्टर कर जांच शुरू कर दी है। इस घोटाले में सीनियर आईएएस अफसर विवेक अग्रवाल और उनके बेटे पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि अपने बेटे को फायदा पहुंचाने के लिए एक विशेष कंपनी को 300 करोड़ का टेंडर जारी कर दिया गया।
No comments:
Post a Comment